Page 07 सोमवार 20 अप्रैल 2020 – इंदौर
पति-पत्नी को एक-दूसरे की सही सलाह मान लेनी चाहिए
वैवाहिक जीवन में आपसी तालमेल की कमी होने से पति-पत्नी के बीच वाद-विवाद की स्थिति निर्मित हो सकती है। तालमेल बनाए रखने के लिए पति-पत्नी को एक-दूसरे का अच्छा सलाहकार बनना चाहिए। सुखी गृहस्थी के लिए जीवन साथी की सही सलाह तुरंत मान लेनी चाहिए, तभी दोनों के बीच परस्पर प्रेम बना रहता है और वैवाहिक जीवन में सुखशांति बनी रहती है। श्रीराम चरित मानस के अनुसार रावण और मंदोदरी के वैवाहिक जीवन से हम समझ सकते हैं कि जीवन साथी की अच्छी सलाह नहीं मानते हैं तो कैसी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.... जब श्रीराम अपनी वानर सेना के साथ समुद्र पार कर लंका पहुंच गए थे, तब मंदोदरी समझ गई थी कि लंकापति रावण की पराजय तय है। इस कारण मंदोदरी ने रावण को समझाने का चार दिशाओं बहुत प्रयास किया कि वे श्रीराम से युद्ध ना करें। सीता को लौटा दें। श्रीराम स्वयं भगवान का अवतार हैं। मंदोदरी ने कई बार रावण को समझाने का प्रयास किया कि श्रीराम से युद्ध करने पर कल्याण नहीं होगा, लेकिन रावण नहीं माना। श्रीराम के साथ युद्ध किया और अपने सभी पुत्रों और भाई कुम्भकर्ण के साथ ही स्वयं भी मृत्यु को प्राप्त हुआ। पति-पत्नी के जीवन में यह बात भी महत्वपूर्ण है कि एक-दूसरे को गलत काम करने से रोकना चाहिए। गलत काम का बुरा नतीजा ही आता है। सही-गलत को समझते हुए एक-दूसरे को सही सलाह देनी चाहिए। साथ ही, दोनों को ही एक-दूसरे की सही सलाह माननी भी चाहिए। पति-पत्नी ही एक-दूसरे के श्रेष्ठ सलाहकार होते हैं I
चार दिशाओं में हैं चार धाम
स्कंद पुराण के तीर्थ प्रकरण के अनुसार चार धाम यात्रा को महत्वपूर्ण माना गया है। चार धामों के दर्शन करने से हर तरह के पाप खत्म हो जाते हैं और सकारात्मक ऊर्जा भी बढ़ती हैये चार धाम चार दिशाओं में स्थित है यानी उत्तर में बद्रीनाथ, दक्षिण रामेश्वर, पूर्व में पुरी और पश्चिम में द्वारिका पुरी। प्राचीन समय से ही ये चार धाम तीर्थ के रूप मे मान्य थे, लेकिन इनके महत्व का प्रचार जगत गुरु शंकराचार्य जी ने किया था। क्यों बनाए गए चार धाम ग्रंथों के अनुसार प्राचीन तीर्थ स्थलों पर जाने से पौराणिक ज्ञान बढ़ता हैदेवी-देवताओं से जुड़ी कथाएं और परंपराएं मालूम होती हैं। प्राचीन संस्कृति को जानने का मौका मिलता है। मंदिर के पंडित और आसपास रहने वाले लोगों से संपर्क होता है, जिससे अलग-अलग रीति- रिवाजों को जानने का अवसर मिलता है। भगवान और भक्ति से जुड़ी मान्यताओं की जानकारी मिलती है। जिसका लाभ दैनिक जीवन की पूजा में मिलता है। इसलिए चार धामों को अलग-अलग दिशाओं में स्थापित किया गया है। किस धाम की क्या विशेषता है, बद्रीनाथ धाम- यह तीर्थ बद्रीनाथ के रूप में भगवान विष्णु को समर्पित है। ये अलकनंदा नदी के किनारे बसा है। माना जाता है इसकी स्थापना मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम ने की थी। इस मन्दिर में नर-नारायण की पूजा होती है और अखण्ड दीप जलता है, जो कि अचल ज्ञान ज्योति का प्रतीक हैयहां पर श्रद्धालु तप्तकुण्ड में स्नान करते हैंयहां पर वनतुलसी की माला, चने की कच्ची दाल, गिरी का गोला और मिश्री आदि काप्रसाद चढ़ाया जाता है। बद्रीनाथ मंदिर के कपाट अप्रैल के आखिरी या मई के शुरुआती दिनों में दर्शन के लिए खोल दिए जाते हैंलगभग 6 महीने तक पूजा के बाद नवंबर के दूसरे सप्ताह में मंदिर के पट फिर से बंद कर दिए जाते हैंरामेश्वर धाम - रामेश्वर तीर्थ तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले में समुद्र के किनारे स्थित है। जो कि भगवान शिव को समर्पित हैयहां शिवजी की पूजा लिंग रूप में की जाती हैजो कि बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है। यह हिंद महासागर और बंगाल की खाड़ी से चारों ओर से घिरा हुआ एक सुंदर शंख आकार द्वीप है। माना जाता है कि भगवान राम ने ही इस रामेश्वरम् शिवलिंग की स्थापना की थीपुरी धाम - यह वैष्णव सम्प्रदाय का मंदिर है, जो भगवान विष्णु के अवतार श्रीकृष्ण को समर्पित है। इस मंदिर में तीन मुख्य देवता, भगवान जगन्नाथ, उनके बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा है। ये तीर्थ पुराणों में बताई गई 7 पवित्र पूरियों में एक है। यहां हर साल रथ यात्रा का आयोजन किया जाता है। इस आयोजन में दुनियाभर से भगवान श्रीकृष्ण के भक्त आते हैं। यहां मुख्य रूप से भात का प्रसाद चढ़ाया जाता है। द्वारिका धाम - गुजरात के पश्चिमी सिरे पर समुद्र के किनारे बसी द्वारिका पुरी को चार धामों में से एक माना गया है। ये भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित तीर्थ है। ये तीर्थ पुराणों में बताई गई मोक्ष देने वाली सात परियों में से एक है। माना जाता है कि इसे श्रीकृष्ण ने बसाया था। स्थानीय लोगों और कुछ ग्रंथों के अनुसार असली द्वारका तो पानी में समा गई, लेकिन कृष्ण की इस भूमि को आज भी पूज्य माना जाता है। इसलिए द्वारका धाम में श्रीकृष्ण स्वरूप का पूजन किया जाता है i
बस ड्राइवर की बेटी ने पहले खोजा था पहला ह्यूमन कोरोनावायरस
बस ड्राइवर की बेटी ने पहले खोजा नई दिल्लीदुनियाभर में भले ही अब तक नए कोरोनावायरस की वैक्सीन न तैयार हो पाई हो लेकिन इंसान को संक्रमित करने वाले पहले कोरोनावायरस के खोज की कहानी दिलचस्प है। इसे 16 साल की उम्र में पढ़ाई छोड़ने वाली एक बस ड्राइवर की बेटी जून अल्मेडा ने 1964 में खोजा था। सर्दी-खांसी से जूझ रहे मरीजों के नाक के सैम्पल को जून ने इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोपी में देखा तो एक ताजनुमा (क्राउन) वायरस दिखा। जब इस बात की जानकारी जर्नल और सीनियर को दी तो उन्होंने यह कहते हुए रिसर्च रिजेक्ट कर दी कि इसकी तस्वीर काफी खराब है लेकिन बाद में यह खोज इतिहास बनी। कोरोनावायरस एक क्रॉउन की तरह दिखता है इसके आधार पर ही इसका नाम कोरोना रखा गया।
साप्ताहिक राशीफल
मेष - सप्ताह उतार-चढ़ाक भरा रहेगा। सप्ताह की शुरुआत में पुराने रुके हुए काम पूरे हो सकते हैं। नए कामकाज की योजनाएं बनेंगीधीरे-धीरे सोचे हए काम पूरे होने लगेंगे। बिजनेस में अचानक फायदा होने के योग हैं। नौकरी में बदलाक के बारे में किचार करेंगे।
वृषभ - आपके जीकन के किभिन्न क्षेत्रों पर खासा प्रभाक पड़ने काला है। सबसे पहले बात करते हैं कार्यक्षेत्र की। आपके लिए करियर के लिहाज से ये समय बेहद महत्कपूर्ण साबित हो सकता है। जहाँ एक तरफ आप काम की कजह से कार्यस्थल पर अपनी पैठ जमा पाएंगे i
मिथुन - सबसे पहले बात करें आर्थिक जीकन की, तो इस दौरान आपको धन लाभ होने के आसार नजर आ रहे हैं। हालाँकि इसके साथ ही आपके खची में भी इज़ाफा संभक है, यानि की यदि एक हाथ से पैसे आएँगे तो दूसरे हाथ से आप उन्हें गँका भी सकते हैं।
कर्क - जीकन के किभिन्न क्षेत्रों पर अपना प्रभाक डालेगा। बात करें आर्थिक जीकन की तो, इस हफ्ते आपको धन का व्यय समझदारी के साथ करना होगा क्योंकि धन हानि के योग बन रहे हैं। किसी भी क्षेत्र में निकेश करने से पहले उससे जुड़े किशेषज्ञों की राय अकश्य लें।
सिंह- इस सप्ताह आपको अपनी मेहनत का भरपूर फल मिलेगा। आप जिस दिशा में सफलता के लिए प्रयास कर रहे हैं उसमें आपको सफलता मिल सकती है। इसके साथ ही साथ नौकरी की तलाश में हैं तो आपको अपने मन मुताबिक नौकरी मिल सकती है i
कन्या - इस सप्ताह आपको कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। पारिकारिक जीकन में संतान के दायित्कों की पूर्ति होगी लेकिन उनके कुछ फैसलों की कजह से मन अशांत भी रहेगा। अनचाहे मेहमान के आने से परिकार में उथल पुथल मच सकती है।
तुला - इस सप्ताह की शुरुआत में संतान को कार्यक्षेत्र में सफलता मिलेगी। उनकी तरक्की से आप प्रसन्न होंगे। चूंकि पंचम भाक का संबंध शिक्षा से जुड़ा हुआ है इसलिए छात्रों को इस सप्ताह अच्छे फल प्राप्त होंगे। परीक्षा में उनकी मेहनत रंग लाएगी।
वृश्चिक - इस सप्ताह घर के सदस्यों के बीच समरसता देखने को मिलेगी। माता जी को स्कास्थ्य लाभ मिलेगा। कार्य क्षेत्र में सहकर्मियों का सपोर्ट आपको आगे ले जाएगा। आपको घर में छोटे भाई बहनों का साथ मिलेगा।
धनु - इस सप्ताह आपका आत्मकिश्कास बढ़ेगा। कहीं छोटे भाई बहनों को भी अच्छे परिणामों की प्राप्ति होगी। कार्य क्षेत्र में आपके प्रयास सफल होंगे और आप तरक्की की राह में आगे बढ़ेंगे। आपके आपको मानसिक शांति प्राप्त होगी।
मकर - इस सप्ताह आपकी बोली में एक मिठास का अनुभक होगा। इस दौरान आपका अपने परिकार के प्रति झुकाक भी बढ़ेगा। मुमकिन है कि घर-परिकार में किसी तरह के कोई छोटे-बड़े उत्सक का आयोजन हो।
कुंभ - इस सप्ताह की शुरुआत आपको कई किदेशी स्रोतों से लाभ मिल सकता है। इस दौरान आप खुद के लिए समय निकालने की कोशिश करेंगे और आत्मचिंतन कर खुद के बारे में सोच सकते है। ऐसा करके न केकल आपके मन में शीतलता का भाक आएगा।
मीन- इस सप्ताह की शुरुआत में आपको अपने खची पर लगाम लगाने की ज़रूरत होगी क्योंकि इस दौरान आपके ख़ची में अचानक से कृद्धि हो सकती है। इस समय आपके बड़े भाई बहनों की कजह से आपको किसी प्रकार का कोई नुकसान भी उठाना पड़ सकता है।