शिक्षानायक

Page 01,  सोमवार 30 मार्च 2020 - इंदौर


বল না आवश्यक-कलेक्टर दवा, दूध छोड़; संपूर्ण लॉकडाउन इंदौर में महामारी का तीसरा चरण सक्रमण का प्रUI पास


इंदौर। मध्यप्रदेश में इंदौर शहर अपने आपको कोरोना का केंद्र नहीं बनने देना चाहता। इसके लिए प्रशासन ने लक्ष्मण रेखा पार करने वालों के खिलाफ कार्रवाई का मन बना लिया है। नियम तोड़ने वाले अपने जीवन के साथ साथ शहर के लिए भी बहुत बड़ा खतरा बन रहे हैं। कोरोनावायरस के संक्रमण को रोकने के लिए जिला कलेक्टर मनीष सिंह ने सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए। लॉकडाउन और कपy में प्रशासन ने एक बड़ा फैसला लेते हुए आज से आने वाले तीन दिन सबकुछ बंद करने के आदेश जारी किए है। वर्तमान स्थिति में शहर में कोरोनावायरस अपने तीसरे चरण में पहुंच चुका है। शेष पृष्ठ 5 


मन की बात में पीएम मोदी बोले


दुनियां के हालात देखने के बाद यही एक रास्ता बचा असुविधा के लिए क्षमा चाहता हूं


आरोग्यं परमं भाग्यं स्वास्थ्यं सर्वार्थसाधनम्


निरोगी होना परम भाग्य है और स्वास्थ्य से अन्य सभी कार्य सिद्ध होते हैं।


        देश में कोरोना का कहर बढ़ता जा रहा है। संक्रमण के बढ़ते कदमों को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। राज्य सरकारें लोगों से घरों में बंद रहने के लिए कह रही हैं और वायरस को फैलने से रोकने के लिए पाबंदियां लगा रही है। इसी बीच देश के मुखिया ने जनता के बीच अपनी बात रखते हए लॉकडाउन के कारण देश की जनता को हो रही दिक्कतें और समस्याओं के लिए माफी मांगी। प्रधानमंत्री जी ने कहा कि देश को लक्ष्मणरेखा का पालन करना ही होगा। नियम तोड़ने वाले अपने जीवन के साथ बहुत बड़ा खिलवाड़ कर रहे हैं। मोदी ने कहा कि वह असुविधा के लिए क्षमा चाहते हैं। लेकिन यह करना जरूरी था। उन्होंने कहा कि कोरोना के खिलाफ यह लड़ाई जीवन और मृत्यु के बीच की लड़ाई है। हमें यह लड़ाई जीतना ही होगी इसीलिए यह कठोर कदम उठाने बहुत आवश्यक थे। दुनिया के हालात देखने के बाद लगता है,कि यही एक रास्ता बचा है। मुझे आपको और आपके परिवार को सुरक्षित रखना है।


         मानव संवेदना की बात करते हुए उन्होंने कहा कि कहीं भी अगर गरीब भूखा नजर आए तो सबसे पहले उसका पेट भरे। उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान ऐसा ही करेगा। क्योंकि यही हमारी संस्कृति है।


प्रदेश के मुखिया ने की 21 दिन घर में रहने की अपील


भोपाल। कोरोना वायरस को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जनता से घर पर ही रहने की अपील की हैउन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण से देश को बचाने के लिए माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने 21 दिन के देशव्यापी लॉकडाउन का आव्हान किया है। राष्ट्रहित में माननीय प्रधानमंत्री जी के आव्हान का स्वागत करते हुए हम सभी इसका पालन करने के लिए कृत संकल्पित हैं। कोरोना को घर में ही रहकर हराया जा सकता है।


      मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि जनता को जरुरी चीजों की कोई कमी नहीं होगीकोरोना के इलाज की पूरी व्यवस्था की गई है, बस आप अपने घरों में रहें। किसानों को लेकर सीएम ने कहा कि किसानों को भी चिंता करने की जरुरत नहीं है। फसलों के उपार्जन को लेकर चिंता ना करेंकिसान भाई परेशान ना हो।बच्चों को भी मिड-डे मील मिलता रहेगा। प्रदेश के लिए कई व्यवस्थाएं की गई है। मजदूरों से अपील करते हुए उन्होंने ने कहा कि जो जहां है वही रहे। उन्होंने कहा कि दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्रियों से चर्चा हुई है, मजदूरों के लिए व्यवस्था कराई जा रही है।


अधिकतम मुस्लिम बहल इलाके कोरोना की चपेट में


शहर में अधिकतम मुस्लिम बहुल इलाके कोरोना संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। संक्रमित इलाकों में चंदननगर, नूरानी नगर, रानीपुरा, टाटपट्टी बाखल, दौलतगंज, झंडा चौक, एमआर लाइन, श्रीनगर काकड़, मुसाखेड़ी, लिंबोदी, खजराना, स्कीम नंबर 71 जैसे क्षेत्र शामिल है। सभी संक्रमित क्षेत्रों में लोगों की आवाजाही पर पूरी तरह रोक लगा दी गई हैइंदौर कलेक्टर ने बताया की विशेष तौर पर रानीपुरा, हाथीपाला, चंदन नगर,खजराना जैसे इलाकों को पूरी तरह बंद कर सैनिटाइज किया जाएगा।


10वीं एवं 12वीं के पेपर स्थगित नहीं होंगे


लॉकडाउन अवधि समाप्त होने के बाद परीक्षाएं होंगी आयोजित


इंदौर। (ज्ञानेंद्र पटेल) मध्य प्रदेश सरकार पहली कक्षा से लेकर नौवीं एवं ग्यारवी कक्षा के छात्र-छात्राओं को जनरल प्रमोशन देने पर विचार कर रही है। राज्य में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने और बच्चों की सुरक्षा के लिए स्कूल बंद करने का निर्णय लिया गया था। 21 दिन के लॉक डाउन पीरियड के बाद भी स्थिति कब तक ऐसी रहेगी यह स्पष्ट नहीं है। इसलिए सरकार छात्रों को जनरल प्रमोशन देने का फैसला करने वाली है। ये प्रमाशन छात्रा के सालभर क प्रदशन क आधार पर दिया जाएगा।


      मध्य प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों में कक्षा 9वीं और 11वीं की परीक्षाएं फरवरी में ही संपन्न करा ली गई थी। जिसकी परीक्षा परिणाम 23 मार्च तक आना था। कुछ प्राइवेट सीबीएसई स्कूल भी 9वीं एवं 11वीं की परीक्षाएं करा चुके हैं। लेकिन मध्य प्रदेश बोर्ड से मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों ने अभी तक या तो परीक्षाएं कराई ही नहीं है या फिर उनके परिणाम घोषित नहीं किएअधिकतर ऐसे वे स्कूल है, जो गलियों में चल रहे हैं, और मान्यता नियमों का मजाक उड़ा रहे हैं I शेष पृष्ठ 5 पर