लॉकडाउन की रणनीति
घर से न निकलना ही, देश के प्रति जिम्मेदारी दुनिया भर में कोराना का कहर
कोरोना : संक्रमण वायरस नई दिल्ली। चीन से शुरु हुए कोरोना वायरस के कारण पूरे हिन्दुस्तान सहित पूरी दुनिया दहशत और खौफ में है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चेतावनी भरे शब्दों में कहा समय रहते नहीं सम्भले तो देश 21 वर्ष पीछे चला जाएगा
सम्पादक की कलम से
प्रधानमंत्री की आवाज में छुपी देश की चिंता
जब देश का मुखिया हाथ जोड़कर अपनी जनता से कुछ मांग रहा हो तो समझ लीजिए कि स्थिति बहत गंभीर है और उसे अपनों की चिंता सता रही है क्योंकि प्रधानमंत्री नहीं चाहते कि भारत भी इटली बने।
आज इटली रो रहा है। वह अपने बच्चों को मरते हुए देख रहा है। कोरोना वायरस ने इटली को जो जख्म दिया है। उसे वह कभी भुला नहीं पाएगा। कभी इटली की खूबसूरती बताने वाले कवियों की कमी नहीं रही। वह इटली जहां पीसा की झुकी मीनार है। आज उसी की पहचान रोते हुए चेहरे और ताबूत बन चुके हैं। सांस लेने के लिए तड़पते कई चेहरे इटली में देखे जा सकते हैंकोरोना वायरस ने इटली को तबाह कर दिया है। डॉक्टरों को मजबूर होकर यह तय करना पड़ रहा है कि वह किसकी जान पहले बचाएं और किसे मरने के लिए छोड़ दें। एक डॉक्टर के लिए ऐसी स्थिति होना उसके करियर का सबसे बुरा दौर होता है, क्योंकि उसका जन्म भी लोगों की जान बचाने के लिए हुआ है। लेकिन इटली जैसे विकसित देश में भी अगर लाखों की संख्या में लोग इलाज के लिए आएं तो कोई भी मुल्क अपने हाथ टेक देगा। रोम में दो पॉजीटिव केस मिलने के बाद इटली ने सबसे पहले चीन से आने वाले फ्लाइट पर पाबंदी लगाई थी। इटली ने ही सबसे पहले कोरोना वायरस को लेकर इमरजेंसी लागू की थी। 23 फरवरी तक इटली में कोरोना से किसी भी नागरिक की मौत नहीं हुई थी। इटली की सरकार जानती थी। यह लंबी लड़ाई है और बिना नागरिकों की सतर्कता से नहीं लड़ी जा सकती इसलिए उसने अपने नागरिकों को सतर्क भी कियानागरिकों से घर के अंदर रहने की अपील की गई थी। लेकिन कई लोगों ने इन अपीलों को अनदेखा कर दिया। इटली जैसे देश में जिसकी जनसंख्या भारत के किसी राज्य से भी कम होगी 1 महीने के अंदर 62 हजार से ज्यादा मामले आ चुके थे। महीने भर के भीतर छह हजार से ज्यादा लोग मर गए। पूरे यूरोप में इटली ने ही सबसे पहले कोरोना संक्रमण को लेकर कड़े कदम उठाए हए पूरे इटली को लॉक डाउन कर दिया था। इंसानी प्रयास जो भी कर सकते थे, उन्होंने वह सब किया, पर संघर्ष आज भी जारी हैकंपकंपी जबान से इटली कह रहा है कि संभल जाइए वरना बहुत देर हो जाएगी। सम्पादक
कोरोना - शहर को लॉक डाउन करना जरूरी
इंदौर जिला प्रशासन ने कोरोना संक्रमण को देखते हए 25 मार्च तक जरूरी सेवाओं को छोड़कर सब कुछ बंद करने के आदेश जारी कर दिए हैं। कमिश्नर आकाश त्रिपाठी ने शहरवासियों से घरों के भीतर रहने की अपील की है। उन्होंने बताया कि प्रशासन यह सुनिश्चित करेगा कि सभी आवश्यक वस्तु जैसे दूध, फल सब्जी, दवाइयां आदि की आपूर्ति बनी रहे। पेट्रोल पंप भी चालू रहेंगे। उन्होंने इंदौर की जनता से यह भी अपील की है की जरूरी सामानों को खरीद के लिए अपने सबसे पास के दुकानों में जाएं, और एक घर से एक ही व्यक्ति सामान लेने के लिए बाहर निकले। चोइथराम सब्जी मंडी से केवल थोक विक्रेता ही सब्जीयों को खरीद । पाएंगे। आम जनता के लिए यह क्षेत्र प्रतिबंधित रहेगा। आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति निरंतर बनी रहेगी। आकाश त्रिपाठी, कमिश्नर, इंदौर ।
लोग परेशान न हों, अत्यावश्यक सेवाएं जारी रहेंगी।
प्रधानमंत्री जी ने देश हित में जनता कर्ण्य का आव्हान किया है। कोरोना महामारी को हम सब को मिल कर खत्म करना है। आप लोग चिंता न करे। अत्यावश्यक सेवाएं जैसे राशन, दूध, दवाएं इत्यादि उपलब्ध होंगी। आप परेशान न हों। सिर्फ लॉक डाउन का ईमानदारी से पालन करें। ये हम सब के जीवन के लिए अनिवार्य है। आपकी सावधानी ही सुरक्षा है। जनता विनम्र अपील है कि आप जितना हो सके अपने घरों में रहे, बार-बार, छोटी-छोटी बातों के लेकर घर से बाहर न निकलें।
लोकेश जाटव ।
कलेक्टर और जिला दण्डाधिकारी, इंदौर
देश में पहली बार ऐसा प्रयोग.....
निगमायुक्त आशीषसिंह ने बताया कि अब तक देश में संभवतः पहली बार होगा प्रयोग। चीन में हो चुका है ऐसा प्रयोग। मंडी, बाजारों, प्रमुख सड़कों पर होगा छिड़काव। दो ड्रोन शहर के भीड़भरे इलाकों में करेंगे छिड़काव। निजी कंपनी से नगर निगम ने लिए किराए पर। 16 लीटर कैमिकल लेकर लगभग 30 मिनट तक उड़ान भरेगा ड्रोन। आठ से 10 किमी क्षेत्र में छिड़काव हो सकेगा।
.. बेवजह घुमने वालों पर सख्ती...
कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए इंदौर पुलिस सख्त हो गई है। शहर में किए गए लॉक डाउन को लेकर डीआईजी रूचि वर्धन मिश्र ने बेवजह सड़कों पर घूमने वालों पर सख्ती से निपटने के आदेश दिए हैं शहर में कोई भी बेवजह सडक पर न घुमें इस बात को लेकर सख्त कार्यवाही करने के आदेश दिए, उन्होंने कहा कि लोगों के पास घर से बाहर निकलने के लिए मजबूत आधार होना चाहिए। इसमें दूध, सब्जी, दवाइयां आदि खरीदना शामिल है। उन्होंने कहा कि आदेशों का सख्ती से पालन किया जाएगा। इसमें कोई लापरवाही नहीं बरती जाएगी। यह लोगों के जीवन का सवाल है।
रूचिवर्धन मिश्र, डीआईजी. इंदौर