Page 06 सोमवार 23 मार्च 2020 - इंदौर दुनिया के सबसे तेज
दुनिया के सबसे तेज कंप्यूटर ने कोरोना संक्रमण रोकने वाले रसायनों की पहचान की
टेनिसी। कोरोनावायरस के तेजी से फैलते संक्रमण के कारण वैज्ञानिकों के सामने नई चुनौती है कि उन्हें अपने रिसर्च की रफ्तार संक्रमण के फैलने से ज्यादा तेजी से करनी होगी। इसके लिए वैज्ञानिकों ने दुनिया के सबसे तेज सुपर कंप्यूटर समिट की मदद ली है। इसने 77 दवा के कंपाउंड्स (रसायन) पहचाने हैं, जो कोरोना वायरस संक्रमण रोकने में सक्षम है। इससे वैक्सीन बनाने में मदद मिल सकती है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) बेस सुपर कम्प्यूटर 77 केमिकल की पहचान की है, यह कोरोनवायरस को शरीर की अन्य कोशिकाओं में फैलने से रोकते हैंऑक रिज नेशनल लैबोरेट्री ने प्रकाशित जनरल में दावा किया था कि इससे तत्काल राहत देने वाली दवा बनाने में मदद मिलेगीकोरोनावायरस शुक्रवार तक 182 देशों फैल चुका है। इससे अब तक 10 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है2 लाख 44 हजार 979 लोग संक्रमित हैं। राहत की खबर है कि इससे 87 हजार 408 मरीज ठीक भी हुए। वायरस को रोकने वाले 8000 से ज्यादा यौगिकों की पहचान टेनिसी स्थित ओक नेशनल लैबोरेट्री के मुताबिक, वायरस बाहरी कोशिकाओं को प्रभावित करते हैं। समिट का काम ऐसी कोशिकाओं की पहचान करना और इसके बाद दवा से वायरस के फैलने को रोकना है। ओक रिज रिसर्चर मिकोलस स्मिथ ने बताया कि उन्होंने कोरोनावायरस की पहचान करने वाला मॉडल बनाया है।
जनवरी में तैयार यह मॉडल बताता है कि कैसे अणु और दूसरे कण दवा के साथ रिएक्ट करते हैं। सुपर कम्प्यूटर ने 8000 से ज्यादा यौगिकों की पहचान की है, ये प्रोटीन वायरस को रोकते हैं। यह संक्रमित कोशिकाओं को रोकने में सक्षम हैं। दुनिया की समस्याओं को सुलझाता है समिट सुपर कंप्यूटर समिट का निर्माण दुनिया की समस्याओं को सुलझाने के लिए ही किया गया है। अमेरिका के ऊर्जा विभाग ने वर्ष 2014 में समिट पर काम शुरू किया थायह सुपर कंप्यूटर 200 पेटाफ्लॉप की गणना करने में सक्षम है। यह सबसे तेज लैपटॉप से 10 लाख गुना ज्यादा शक्तिशाली हैअब शोधकर्ताओं की टीम समिट पर दोबारा इन 77 रसायनों की जांच करेगी और कोरोना के खात्मे के लिए सबसे अच्छे मॉडल का निर्माण करेगी।
मदीरा मे मस्त हए हाथी और चाय बागान में सो गए
युन्नान। दक्षिण पश्चिम चीन के युन्नान प्रांत के एक गांव में 14 हाथियों का एक दल शराब के स्टोर रूम में घुस गया। हाथियों ने यहां उत्पात तो मचाया ही, शराब बनाने की सामग्री को गिरा दिया। दो हाथी वहां रखी मक्के से बनी 30 लीटर शराब भी पी गए। शराब पीकर वे मस्त होकर जंगल की ओर निकल गए। इसके बाद यह हाथियों का दल चाय के बागानों में पहुंचा। चाय बागान में शराबी हाथियों को संतुलन बिगड़ने लगा। दोनों कुछ देर एक दूसरे का सहारा बने रहे। फिर दोनों वहीं सो गए। यह घटना गांव के सीसीटीवी में कैद हो गई जो वायरल हो रही है। वहीं, शराब के नशे में सो रहे हाथियों की तस्वीरें जुजोउ बिंगबिंग ने वीबो और ट्विटर पर शेयर की हैं। बिंगबिंग ट्रेवल फोटोग्राफर हैं। इसे अब तक एक लाख 40 हजार के लाइक्स मिल चुके हैं। शिन्हुआंग्बना दाई प्रान्त के मेंघई गांव के लोगों को दावा है कि 14 हाथियों में से सिर्फ दो ने स्टोर रूम में उत्पात मचाया और शराब पी थी। ट्रिटर पर वायरल होने के बाद युन्नान प्रांत के अधिकारियों ने खुलासा किया कि यह घटना पिछली गर्मियों की है।
50 हजार फेस मास्क अस्पताल को दान
50 हजार फेस मास्क स्टॉकहोमस्वीडन के एक सबसे बड़े सरकारी अस्पताल को एक फर्नीचर कंपनी ने 50,000 मेडिकल फेस माक्स दान किए हैं। कोरोना प्रकोप के समय मिले इन फेस मास्क को आज के समय में सबसे बड़ा दान माना जा रहा है। लोगों के लिए सबसे बड़ी राहत साबित हो रहे हैं। कंपनी ने जिस वक्त बर्ड फ्लू फैला था, तब ये मास्क खरीदे गए थे और इन्हें गोदाम में रखकर भूल चुके थे। स्वीडन में अब तक 1,167 लोगों में वायरस की पुष्टि हई है। वहीं, 7 लोगों की मौत भी हो चुकी है। स्वीडन वेस्ट कोस्टके सबसे बड़े स्टोर कहे जाने वाले आईकिया के लॉजिस्टिक मैनेजर जोहान एंडरसन ने रायटर्स को बताया कि बर्ड फ्लू के दौरान हजारों की तादाद में खरीदे गए थेअब, अचानक गोदाम में कुछ खोजने के दौरान उनकी टीम की इन पर नजर पड़ी। उन्होंने बताया कि खबरों में पढ़कर उन्हें जानकारी मिली थी कि अस्पतालों को मास्क की कमी से जूझना पड़ रहा है। हमने तत्काल गोथेनबर्ग के सहल्नेस्का अस्पताल प्रबंधन को फोन कर पूछा कि क्या आपको हजारों मास्क चाहिए? उन्होंने हां कहा तो हमने इन्हें दान करने का फैसला कर लिया। यह देश का सबसे बड़ा अस्पताल है। एंडरसन ने बताया कि जब पूरी दुनिया इस वायरस के जूझ रही है तो हम सभी को एकजुटता दिखाकर अपने-अपने तरीके से मदद को आगे आना चाहिए। आईकिया एक बहुराष्ट्रीय फर्नीचर कंपनी है जिसकी स्थापना स्वीडन के इंग्वार काम्पराड ने की थी I
मास्क पहनकर दूल्हा-दुल्हन ने 7 फेरे लिए
मुंबई। कोरोनावायरस का असर अब धीरे-धीरे हमारी जिदंगी पर देखे जाने लगा है। बाजार, ट्रेनें और शादी-पार्टी अब सूनी हो गई हैं। कुछ हो रही हैं तो उनमें इसका खौफ देख जा रहा है। मुंबई एक ऐसी शादी हुई जिसमें, दूल्हा-दुल्हन से लेकर पंडित और बाराती सभी मास्क लगाकर शामिल हुए। दूल्हा-दुल्हन ने मास्क लगाकार सात फेरे लिए और एक दूसरे को वरमाला पहनाई। कोरोना को देखते हुए शुक्रवार को उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा, 'हम जनता से अपील करना चाहते हैं कि वे शादी को आगे के लिए टाल दे।' इस शादी के जरिए इस कपल ने लोगों को एहतियात बरतने का संदेश भी दिया। यह शादी मुंबई के भांडुप इलाके में हुई। ऐसे में बारात में शामिल हुए दोनों पक्षों के लोगों ने एक-दूसरे दूर से ही नमस्कार किया। हालांकि, पहले वर-वधु इस शादी को आगे के लिए टालना चाहते थे, लेकिन बाद में इसे करने का फैसला लिया गयाशादी में 800 लोगों को भेजा गया था निमंत्रण - दूल्हे सतीश ने हरे रंग का मास्क लगाया था। शादी समारोह में आए सभी लोगों के लिए मास्क का इंतजाम भी वर-वधु पक्ष की ओर से किया गया था। पहले इस शादी के लिए 800 लोगों को बुलाया गया था, लेकिन सिर्फ 100 लोग ही इसमें शामिल हए। सीएम ने भी शादी में कम लोगों के शामिल होने की अपील की थी। बारात में आए सभी लोग और पंडित भी मास्क पहने हए थे। पंडित ने मास्क पहनकर ही सभी मंत्र पढ़े। शादी में साफ-सफाई का भी विशेष ध्यान रखा गया था।
संक्रमण के सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र में - कोरोनावायरस देश में तेजी से फैलता जा रहा है। महाराष्ट्र में इसका असर सबसे ज्यादा है। यहां शुक्रवार तक 52 मामले सामने आ चुके हैं। अब तक देश में 248 केस दर्ज हो चुके हैं। वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित महाराष्ट्र के चार शहरों मुंबई, पुणे, नागपुर और पिंपरी चिंचवड़ और छत्तीसगढ़ में रायपुर को भी लॉकडाउन कर दिया गया है I
कोरोना के महानायक 24 घंटे सेवा में लगे थे
नई दिल्ली। कोरोनावायरस ने 183 देशों को चपेट में ले लिया। अब तक 11,179 लोगों की मौत हो चुकी है। 2 लाख 65 हजार 867 मामलों की पुष्टि हो चुकी है। 90,630 मरीज स्वस्थ भी हुए हैंविश्व स्वास्थ्य संगठन से महामारी घोषित किया है। इसकी शुरुआत चीन से हुई थी। यहां इस बीमारी के बारे में जागरुकता फैलाने वाले चार लोगो में एक अब दनिया में नहीं हैंइनके प्रयासों से कोरोनावायरस से लड़ने में मदद मिली है। दुनिया इनकी सराहना कर रही हैचेतावनी देने वाले पहले व्हिसल ब्लोअरः 34 साल डॉ. ली वेंगलियांग चीन में कोरोनावायरस के बारे में लोगों को बताने वाले और सरकार के रवैये के खिलाफ आवाज उठाने वाले पहले व्यक्ति थे। वे अब दुनिया में नहीं हैं। 31 दिसंबर को उन्होंने लोकप्रिय चीनी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वीचैट पर वायरस के बारे में लोगों को चेतावनी दी थीइसके बाद पुलिस ने उन्हें एक पत्र पर हस्ताक्षर करने के लिए कहा थाउन पर अफवाह फैलाने का आरोप लगाया गया था और उन्हें अपना मुंह बंद करने के लिए भी कहा गया था, लेकिन इस सबके बावजूद डॉ. ली ने अपना काम जारी रखा। वह मरीजों का इलाज करते रहे और लोगों को भी इस बीमारी के बारे में जागरूक करते रहेपहली डॉक्टर जिन्होंने वायरस के बारे में बतायाः डॉ. जहांगजियांग श्वसन तंत्र विशेषज हैंनोवल कोरोनावायरस का पता लगाने वाली 54 साल की डॉ जहांग जियांग टनिया की पहली डॉक्टर हैं26 दिसंबर को हॉस्पिटल में रेस्पिरेटरी और क्रिटिकल केयर डिपार्टमेंट की निदेशक डॉ. जहांग जियांग ने चार मरीज़ों में कुछ लक्षण एक जैसे पाए। उन्होंने देखा कि मरीज़ों को निमोनिया है और उनके फेफड़ों में एक जैसा संक्रमण दिख रहा है। इन मरीज़ों में तीन तो एक ही परिवार से थे। अगले दिन उनके पास तीन और मरीज़ उन्हीं लक्षणों के साथ इलाज कराने के लिए आए। उन्हें यह सब अजीब लगा और इसके बारे में उन्होंने खोजबीन शुरू की। उन्होंने तुरंत अस्पताल के दूसरे विभागों को सूचित किया और बताया कि यह कोई सामान्य बीमारी नहीं है। डॉ. जहांग ने चीनी स्वास्थ्य अधिकारियों को बताया था कि नई बीमारी कोरोनावायरस के चलते फैल रही है। तब इबोला का खात्मा, अब कोरोना ड्रग टेस्ट कर रहीं: चेन वुई, जीवाणुविज्ञानी, द इंस्टीट्यूट ऑफ बायोइंजीनियरिंग - 54 साल की चेन वुई चीन की शीर्ष सैन्य जैव-युद्ध विशेषज्ञ हैं। वह द इंस्टीट्यूट ऑफ बायोइंजीनियरिंग, अकेडमी ऑफ मिलिट्री मेडिकल साइंसेस में वैज्ञानिक भी हैं। चीनी मीडिया के मुताबिक चेन और उनकी टीम ने कोरोनावायरस से लड़ने के लिए वैक्सीन विकसित कर ली है। वह 26 जनवरी से इस वैक्सीन पर काम कर रही थीं। सरकार ने उन्हें क्लीनिकल ट्रायल की अनुमति भी दे दी है। चेन के मुताबिक अगर परीक्षण सफल होता है, तो यह कोरोनावायरस के खिलाफ पहला टीका होगा I