छात्र ने कोहनी से लिखकर 12वीं की परीक्षा दी
छात्र ने कोहनी से लिखकर 12वीं की परीक्षा दी वडोदरागुजरात के वडोदरा में रहने वाले 12वीं के छात्र शिवम सोलंकी ने कोहनी से लिखकर 12वीं बोर्ड परीक्षा दी है। तीन साल पहले इलेक्ट्रिक शॉक से शिवम ने अपने दोनों हाथ और एक पैर गंवा दिए थेशिवम ने 10वीं में 81% अंक हासिल किए थे। शिवम के पिता ने बताया कि उसने काफी हिम्मत दिखाई। परीक्षा के लिए शिवम ने खुद को कोहनी से लिखने लायक बनाया है। उसे स्कूल से भी काफी सपोर्ट मिला। साथ ही क्लास के बच्चों ने हमेशा हौसला अफजाई की I
शिवम ने बताया, 'मेरे साथ यह हादसा 11 साल की उम्र में हुआ था। मैं हाईटेंशन लाइन की चपेट में आ गया था। मेरे परिवार ने मेरा हौसला काफी बढ़ाया। मां कहती है कि तुम्हें पूरी हिम्मत से आम लोगों की तरह जीना है। उन्हीं ने मुझे कोहनी से लिखने का आइडिया दिया था।' शिवम के पिता मुकेश सोलंकी और माता हंसाबेन वडोदरा नगर निगम में सफाई कर्मचारी हैं।
पहली बार ज्वालामुखी के 1800 फीट ऊपर रोप वॉक
निकारागुआ। अमेरिका के 41 साल के डेयरडेविल्स निक वालेंडा ने बुधवार को निकारागुआ में सक्रिय ज्वालामुखी मसाया के ऊपर रोप वॉक किया। ऐसा करने वाले वह पहले व्यक्ति बन गए हैं। निक के स्टंट के लिए ज्वालामुखी के क्रेटर माउथ ऑफ हेल से 1800 फीट ऊपर रस्सी बांधी गई थी। उन्होंने क्रेटर को करीब 31 मिनट 23 सेकंड में पार किया। आम तौर पर किसी भी ज्वालामुखी के आसपास रहना घातक होता है। इससे निकलने वाला लावा और जहरीली गैंस जानलेवा होती हैं। इस बारे में जानते हुए निक ने यह जोखिम उठाया और रिकॉर्ड अपने नाम किया। हालांकि उन्होंने फेफड़ों को ज्वालामुखी के हानिकारक धुएं से बचाने के लिए एक गैस मास्क, हार्नेस और आंखों पर चश्मा पहना था। इतना ही ज्वालामुखी के मैगमे से उठने वाली हीट वेब को सहन के लिए निकने विशेष जूते पहने थे। अपने स्टंट के दौरान उन्हें तेज हवाओं का भी सामना करना पड़ा। निक प्रसिद्ध फ्लाइंग वालेंडा सर्कस परिवार से सातवीं पीढ़ी के कलाकार हैं। उनके स्टंट को कवर करने के लिए बड़ी तादात में मीडिया मौजूद था। स्टंट करने के बाद निक ने कहा कि यह सफर मजेदार था। ज्वालामुखी का लावा मंत्रमुग्ध कर रहा था। इसे मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकता। पिछले साल जून में निक और उनकी बहन लिजाना ने न्यूयॉर्क के टाइम्स स्क्वेयर पर 25 स्टोरीज के ऊपर रोप वॉक किया था।
मालिक के साथ कुत्ते ने 2300 फीट ऊंचाई से 41वीं जम्प लगाई
लॉटरब्रुन्नन। स्विट्जरलैंड के लॉटरब्रुन्नन वैली स्थित 2300 फीट ऊंची चट्टान से एक कुत्ते का मालिक के साथ जम्प करते हुए वीडियो वायरल हो रहा है। 6 साल के कॉली कजुजा नस्ल के कुत्ते की 38 साल के मालिक ब्रूनो वेलेंटे के साथ यह 41वीं जम्पिंग थीदोनों ने पैराशूट की मदद से सफलतापूर्वक लैंडिंग की।
इस वीडियो को शूट कर रहे वेलेंटे के दोस्त और नॉर्वेके एथलीट जोक सोमर ने कुत्ते को दुनिया का सबसे भाग्यशाली पेट बताया है। उन्होंने जानकारी दी, डॉग लगातार जम्पिंग में हिस्सा लेता रहा है। इसलिए ऊंचाई से डरने की वजाय वह इसे एन्जॉय करता है।
एक मीडिया न्यूज वेबसाइट के मुताबिक, लॉटरब्रुन्नन क्लिफ में 4 ऑजेक्ट बिल्डिंग, एंटीना, स्पैन और अर्थ तैयार किए गए हैं। इनमें एक से जम्प लगाई जा सकती है। कुत्ते के मालिक ने कहा, जब मुझे कजुजा के साथ वक्त बिताना होता है, तब मैं बेस जम्पिंग करता हूं।
वेलेंटे ने बताया, कई बार मैं इस डर से बेस जम्प नहीं कर सका कि डॉग की देखभाल करने वाला कोई नहीं है। फिर एक बार मैं उसे अपने साथ ऊंचाई पर ले गया। मैं देखना चाहता था कि डॉग बेस जम्पिंग के लिए कितना तैयार है। मैंने देखा, वह बिल्कुल तैयार था। इसके बाद हमने साथ-साथ जम्प लगाया। इससे पहले तक हम 40 जम्प लगा चुके हैं।
कॉलेज की छात्राओं ने बाल दान दिए
कैंसर पीड़ित मरीजों के लिए विग बनेगी
कोयम्बटूर। कोयम्बटूर में एक निजी कॉलेज की 80 छात्राओं ने अपने बालों को कटवाकर दान दिया है। इन बालों का इस्तेमाल कैंसर सरवाइवर मरीजों के लिए विग बनाने में होगा। छात्राओं ने कहा- हम मरीजों को फाइनेंशियल सपोर्ट नहीं कर सकते, इसलिए बाल दान कर रहे हैं। हमारे बालों से बनने वाली विग को पहनने से कैंसर सरवाइवर मरीजों के चेहरों पर खुशियां आएंगी। कैंसर पीड़ितों की मदद करने वाली मुंबई की संस्था मदत ट्रस्ट के मुताबिक, विग बनाने के लिए आम तौर पर 10 इंच लंबे बालों की जरूरत होती है।
मोबाइल की लत को छुड़ाने के लिए 11 साल की बच्ची की पहल
सूरत। गुजरात के सूरत की 11 साल की भाविका माहेश्वरी ने हम उम्र बच्चों को मोबाइल की लत से बचाने की मुहिम शुरू की है। इसके लिए मोबाइल एडिक्शन क्लीनिक नाम से स्टार्ट-अप शुरू किया हैइस मंच से भाविकाने 24 पेज की एक ड्राइंग बुक तैयार की है।
यह ड्राइंग बच्चों को समझाते हैं कि कब कितना और कैसे मोबाइल उपयोग करना उचित हैभाविका ने अपने इस स्टार्टअप का वाणिज्य मंत्रालय में पंजीकरण भी करवाया है। भाविका ने बताया कि मैंने 12 स्कूलों में इस बाबत सेमिनार भी किए हैंइस दौरान मुझे महसूस हुआ कि जागरूकता के लिए सेमिनार से अलग कुछ करने की जरूरत है। ड्राइंग बुक के जरिए मेरे हिसाब से यह संदेश ज्यादा सशक्त ढंग से पहुंचाया जा सकता हैयह किताब स्कूलों को भेजने की तैयारी है।
बुजुर्गों को गिरने से बचाएगी स्मार्ट छड़ी
बचाएगी स्मार्ट छड़ी नई दिल्ली। दिल्ली के छात्रों ने एक ऐसी स्मार्ट छड़ी (स्टिक) बनाई है, जो बुजुर्गों को गिरने से बचाएगी। इतना नहीं यह स्टिक मुसीबत के वक्त उनके करीबियों, बच्चे और केयरटेकर को संदेश भी भेजेगी। इसमें लगा आरएफआईडी टैग उन्हें उनके जरूरी सामान खोजने में भी मदद करेगी। स्मार्ट स्टिक सॉल्यूशन पेश करने वाले आईआईआईटी दिल्ली के इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्यूनिकेशन के फर्स्ट ईयर छात्र अर्जुन राज ने बताया कि रघुल पीके के साथ मिलकर ये प्रोटोटाइप तैयार किया है। युवाओं को बुजुर्गों की जरूरत का चैलेंज दिया था। इसमें हर वर्ग के युवाओं के साथ एक छठी क्लास के बच्चे का ग्रुप भी पहुंचा, जिसने ट्रेन में बुजुर्गों के चढ़ने की दिक्कत का सॉल्यूशन फोल्डेबल प्लेटफार्म और स्टेप के तौर पर दिया। एक एप आधारित सॉल्यूशन में पेश किया गया कि सोशल नेटवर्क पर बुजुर्गों को इस तरह से जोड़ा जाए कि युवा और एनजीओ उनसे जुड़कर जरूरत के हिसाब से मदद कर सकें। दरअसल, आईआईटी दिल्ली के एनएसएस विंग की तरफ से बुजुर्गों की हेल्प के लिए सोशल इनोवेशन चैलेंज-2 रखा गया था। इसमें 9 टीमें शामिल हई थीं, जिसमें बीटेक, पीएचडी के साथ छठी क्लास का एक स्टूडेंट भी शामिल हआ। आठ टीमें दिल्ली के कॉलेजों की थीं और एक टीम बेंगलुरु की थी।
परिवार ने गलती से ऑनलाइन 2300 टॉयलेट रोल खरीदे
सिडनी। ऑस्ट्रेलिया के एक परिवार ने गलती से ऑनलाइन ऑर्डर देकर 2300 टॉयलेट रोल खरीद लिए। वे अब इनका इस्तेमाल 12 साल तक कर सकते हैं। टुवूम्बा के जनेत्सकी ने बताया कि हमने 48 रोल के बजाय गलती से ऑनलाइन डिलेवरी सर्विस को 48 रोल के 48 बॉक्स का ऑर्डर दे दियापरिवार को 2304 रोल मिले। इसके लिए हमने 2.5 लाख रुपए का भुगतान किया. जबकि हमें 48 रोल के सिर्फ पांच हजार रुपए का भुगतान करना था। परिवार ने अनुमान लगाया कि वे इन रोल का इस्तेमाल 12 साल तक कर सकते हैं। जनेत्सकी ने बताया कि यह घटना फरवरी के आखिरी हफ्ते की है। तब कोरोनावायरस के खौफ की वजह से ऑस्ट्रेलिया में टिश्यू पेपर और टॉयलेट रोल की खरीद बढ़ गई थीजनेत्सकी ने बताया कि मैं टॉयलेट ज्यादा खरीदना चाहती थी, लेकिन मुझे बहुत ज्यादा मिल गए। अब यह मेरे घर की अलमारियों में रखे हैंउन्होंने बताया कि मैं पिछले दो साल से 12 हफ्तों के लिए 48 रोल्स ऑर्डर करते आ रही हूं, लेकिन इस बार थोड़ी गलती हो गई।